Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2021 · 1 min read

शेर

हम सच भी कहेंगे तो इम्तिहान लिया जाएगा
वो झूठ भी बोलेंगे तो भी मान लिया जाएगा

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
युवा मन❤️‍🔥🤵
युवा मन❤️‍🔥🤵
डॉ० रोहित कौशिक
ये एहतराम था मेरा कि उसकी महफ़िल में
ये एहतराम था मेरा कि उसकी महफ़िल में
Shweta Soni
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
manjula chauhan
मीठी नींद नहीं सोना
मीठी नींद नहीं सोना
Dr. Meenakshi Sharma
राम है आये!
राम है आये!
Bodhisatva kastooriya
कहता है सिपाही
कहता है सिपाही
Vandna thakur
बड़ी मादक होती है ब्रज की होली
बड़ी मादक होती है ब्रज की होली
कवि रमेशराज
■आज का सवाल■
■आज का सवाल■
*Author प्रणय प्रभात*
मित्र
मित्र
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
💐अज्ञात के प्रति-12💐
💐अज्ञात के प्रति-12💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हार हूँ
हार हूँ
Satish Srijan
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
Rj Anand Prajapati
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
मां
मां
Manu Vashistha
क्या मणिपुर बंगाल क्या, क्या ही राजस्थान ?
क्या मणिपुर बंगाल क्या, क्या ही राजस्थान ?
Arvind trivedi
"अनुत्तरित"
Dr. Kishan tandon kranti
तारों के मोती अम्बर में।
तारों के मोती अम्बर में।
Anil Mishra Prahari
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
Arghyadeep Chakraborty
प्यार की भाषा
प्यार की भाषा
Surinder blackpen
मैं तो महज एक नाम हूँ
मैं तो महज एक नाम हूँ
VINOD CHAUHAN
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सत्य की खोज
सत्य की खोज
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
कवि दीपक बवेजा
हज़ारों साल
हज़ारों साल
abhishek rajak
आमावश की रात में उड़ते जुगनू का प्रकाश पूर्णिमा की चाँदनी को
आमावश की रात में उड़ते जुगनू का प्रकाश पूर्णिमा की चाँदनी को
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*वाल्मीकि आश्रम प्रभु आए (कुछ चौपाइयॉं)*
*वाल्मीकि आश्रम प्रभु आए (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
3019.*पूर्णिका*
3019.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल से जाना
दिल से जाना
Sangeeta Beniwal
Loading...