Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2016 · 1 min read

शेर

टूटने लगी हैं सभी जंजीरे अब यूं भी,
परिंदों के पर काट कर भी क्या पाओगे।।।

सितारों को नहीं शौक है खुद पे इतराने का,
हौंसला देते हैं वो तो मुसाफिर को फिर सुबह के लौट आने का।।।

आसमां को भी गुमां था जिस चांद का,
वो भी तो देखो यूंही बड़ता कभी घटता गया।।।

अब के जो बिखरा तो संभलना और मुशकिल न हो जाए,
बहुत घाव अभी बाकि हैं जो मरहम से महरूम न रह जाएं।।।

अंत्तरवेदना को समझता नहीं अब कोई,
वक्त की व्यस्तता में गुम हो गए हैं कुछ अपनेपन के निशान।।।
कामनी गुप्ता ***

Language: Hindi
Tag: शेर
486 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बड़ी अजब है जिंदगी,
बड़ी अजब है जिंदगी,
sushil sarna
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
आर.एस. 'प्रीतम'
"आज की रात "
Pushpraj Anant
"पूनम का चांद"
Ekta chitrangini
सभी फैसले अपने नहीं होते,
सभी फैसले अपने नहीं होते,
शेखर सिंह
घर छोड़ गये तुम
घर छोड़ गये तुम
Rekha Drolia
*माटी कहे कुम्हार से*
*माटी कहे कुम्हार से*
Harminder Kaur
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
Gouri tiwari
अज़ाँ दिलों की मसाजिद में हो रही है 'अनीस'
अज़ाँ दिलों की मसाजिद में हो रही है 'अनीस'
Anis Shah
2819. *पूर्णिका*
2819. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विषय - प्रभु श्री राम 🚩
विषय - प्रभु श्री राम 🚩
Neeraj Agarwal
सबके दामन दाग है, कौन यहाँ बेदाग ?
सबके दामन दाग है, कौन यहाँ बेदाग ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
*चले राम को वन से लाने, भरत चरण-अनुरागी (गीत)*
*चले राम को वन से लाने, भरत चरण-अनुरागी (गीत)*
Ravi Prakash
ध्यान
ध्यान
Monika Verma
थोड़ा  ठहर   ऐ  ज़िन्दगी
थोड़ा ठहर ऐ ज़िन्दगी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
याद
याद
Kanchan Khanna
माँ का जग उपहार अनोखा
माँ का जग उपहार अनोखा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"कवि तो वही"
Dr. Kishan tandon kranti
* रेत समंदर के...! *
* रेत समंदर के...! *
VEDANTA PATEL
चांद चेहरा मुझे क़ुबूल नहीं - संदीप ठाकुर
चांद चेहरा मुझे क़ुबूल नहीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
देने के लिए मेरे पास बहुत कुछ था ,
देने के लिए मेरे पास बहुत कुछ था ,
Rohit yadav
हवाओ में हुं महसूस करो
हवाओ में हुं महसूस करो
Rituraj shivem verma
**पी कर  मय महका कोरा मन***
**पी कर मय महका कोरा मन***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
I am sun
I am sun
Rajan Sharma
#जीवन_का_सार...
#जीवन_का_सार...
*Author प्रणय प्रभात*
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
Shivkumar Bilagrami
बीज
बीज
Dr.Priya Soni Khare
उम्मींदें तेरी हमसे
उम्मींदें तेरी हमसे
Dr fauzia Naseem shad
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
Neelam Sharma
महादेव ने समुद्र मंथन में निकले विष
महादेव ने समुद्र मंथन में निकले विष
Dr.Rashmi Mishra
Loading...