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22 Aug 2020 · 1 min read

शेर

पेशा मजदूरी मजबूरी को सहता हूं
शूर्ख लहू मेरा भी सच सच ही तो कहता हूं
फकत अंतर इतना सा
तुम गगनचुंबी के मालिक
मैं झोपड़पट्टी में रहता हूं ।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
4 Likes · 250 Views
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