शूरता में बोस जैसा वीर होना चाहिये
शूरता मैं बोस जैसा वीर होना चाहिये,
वीरता में हिंद जैसा धीर होना चाहिये।
फौज जो जापान से मिल कर फिरंगी से लड़ी,
घाटियों को पार कर सेना हमारी जो बढ़ी।
हे जवानों ! आज वह शमशीर होनी चाहिये,
वीरता में हिंद जैसा धीर होना चाहिये।
शूरता मैं बोस जैसा वीर…….
जब शहीदी सैनिकों तुम चोटियों पर जा चढ़े ,
तब पताका सैन्य वीरों उस जगह ही जा गड़े।
घाव दुश्मन को बहुत गंभीर होना चाहिये,
वीरता में हिंद जैसा धीर होना चाहिये।
शूरता मैं बोस जैसा वीर…….
हे जवानों !चोटियों पर दीप जलना चाहिये,
शूरवीरों !रणविजय का गीत लिखना चाहिये।
इस समर में आपको जयवीर होना चाहिये,
वीरता में हिंद जैसा धीर होना चाहिए।
शूरता मैं बोस जैसा वीर…….
डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव “प्रेम”
सीतापुर ,उ.प्र.