शीर्षक:कर/हाथ
विषय; कर/हाथ
तू मेरे साथ हाथ मिलाकर एक बार तो देख,
मैं तुझ पर दुनिया निसार ना कर दूँ तो कहना।
मेहंदी यदि लगे मेरे हाथों पर बस वो तेरे नाम की हो
उस पर लिखे नाम का अक्षर अक्षर बस तेरा हो।
उनके हाथों पर ही सुना मेहंदी रंग लाती हैं
जिनका दिलबर दिल से उनको चाहता हैं।
आज मेरे हाथ की हिना ये दर्शाती हैं
कि तेरा प्यार कितना गहरा जो मुझसे हैं।
मेरे हाथों की लकीरों में छिपा तेरा नाम हैं
किस्मत मेरी अच्छी की तू मेरे साथ हैं।
हाथों की लकीरें तो एक बहाना हैं
तकदीर में तो मैने तुझे ही पाया है।
इसको जज़्बात ही कहूँ क्या ये ही जरुरी हैं
सिर्फ हाथ ही नही मुझको भी यो संभालना हैं।
आज अपने हाथ से कर दे सोलह श्रंगार मेरे
लगे कि उतर आए हैं सितारे जैसे सारे जमी पर।
तेरी आँखों मे मेरा हूबहू अक्स नजर आता हैं
लगता है तेरी आँखों से तो शीशा भी शरमा जाता हैं।
तेरी मोहब्बत भी क्या कमाल की हैं तभी तो
मेरी मेंहंदी का रंग यूँ सुर्ख लाल सा हैं
अब तो ऊपर वाले बस इतना रहमोकरम करना
दुनिया से रुखसती हो तो दिलबर का हाथ मेरे हाथ हो
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद