शिव और शिवा
शिव और शिवा
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मै दीपक हूँ तूं लव मेरी
मैं धर्म ध्वजा तूं भक्ति है
जो साथ है तूं तो शिव हूं मैं
कारण तूं शिव की शक्ति है
मैं धर्मग्रंथ का शब्द कठिन
पर तूं उसकी अभिब्यक्ति है
मैं भाव हूँ तूं भावार्थ मेरी
मैं शब्द एक तूं पंक्ति है।।
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©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”