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19 Jul 2017 · 1 min read

शिरोमणि कवि पण्डित मांगेराम

मैं केवल पण्डित मांगेराम जी की रचना प्रस्तुत कर रहा हूँ।।रचनाकार दादा पण्डित मांगेराम जी हैं

ओ मीरा रटण लाग गी कृष्ण।।टेक।।

बालकपन ते भक्ति करती क्यों तरसाओ मने जी
मंदिर के माँह डेरा मेरा विष का प्याला लिया पी
देदो नै एक बै दर्शन।।१।।

कोसे जा सै दुनिया सारी ले लिया तेरा सहारा जी
कल मरती चाहे आज मरज्या कोए भी ना प्यारा जी
लाग रही तिरसन ।।२।।

जती सती का जोड़ा हो स शंसय म्ह संसार भरया
पति परमेश्र टोहन लाग री सिर पै तेरे मुकुट धरया
हो ज्यागा हिया परसन।।३।।

गुरु लख़मीचंद ने लाई सुरती आग्या तेरे दर पे हो
मांगेराम फिरे सै भ्रमता देंगे राह दिखाई दो
लागरया ज्ञान यू बरसन।।४।।

Language: Hindi
308 Views
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