शिक्षा
शीर्षक-शिक्षा
बेनूर सा लगता संसार है,
बिन शिक्षा जीवन बेकार है।
घर बैठे दुनिया का हाल मिले
किताबो में तीनों काल मिले
कायदा, करीना सिखाता है
दुःख में भी जीना सिखाता है
शिक्षा ज्योती का अम्बार है,
बिन शिक्षा जीवन बेकार है।
इंसान में इंसानियत भरता है
पाप करने से इंसान डरता है
देश तरक्की करने लगता है
मशाल से मशाल जलता है
शिक्षा जीवन का आधार है
बिन शिक्षा जीवन बेकार है।
नूर फातिमा खातून “नूरी”( शिक्षिका)
जिला-कुशीनगर