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17 Jan 2018 · 2 min read

शिक्षा ही वरदान है – डी के निवातिया

शिक्षा ही वरदान है

***

कल ही की बात है
गावं से मैं गुज़र रहा था
बुजर्गो की जमात से
चौपाल जगमगा रहा था
चर्चा बड़ी आम चली थी
सबके चेहरे मुस्कान खिली थी
सरकार के वादों पर
बहस गर्मा-गर्म छिड़ी थी
पक्ष विपक्ष में पेंच अड़ी थी !

!
एक बोल रहा था १५ लाख मिलेंगे
हाकिम ने कहा है !
हम इस बात पर उनके साथ है
वोट हमने दिया है !

!
दूसरा दल अपनी बात पे अड़ा था
जबाब एक से एक लिए खड़ा था !

!
सज़्ज़न उनमे कोई जागरूक था
काफी देर से वो बैठा मूक था !

बात जब जरुरत से बढ़ने लगी
बेचैनी उसके दिल की बढ़ने लगी !

जब रहा न गया उसने मुहँ खोला
तपाक से सबको डांटकर वो बोला !

अरे लकीर के फकीरो ज़रा ध्यान से सुनो
यदि काम करती हो मति, तो कुछ गुणों !

जो कहता हूँ गाँठ बाँध लो
अपने मन को तुम साध लो !!
!

मोदी की समझदारी,
और केजरी की ईमानदारी की कसम
राहुल के लिए अब,
नहीं बची मेरे पास कोई भी रसम !

!
चाहो तो मुझ से कबूल करा लो
और तो और दस्तावेज़ लिखा लो !

!
बैठे बिठाये नहीं कभी,
किसी को, कुछ मिलने वाला है !
मुफ्त के नाम पे अभी,
और कई प्रयोजन, निकलने वाला है !!

!
राजनीति का खेल है, यूँ ही चलता रहेगा
राजा का बेटा राजा, दरबारी का दरबारी बनता रहेगा!

!
झूठ-मूठ के वादों पर न ललचाया करो
कर्म – फल में विश्वाश जताया करो !!

!
मेहनत करने से ही नैया तुम्हारी पार लगेगी
शिक्षा दो अपने बच्चो को, कुछ आस जगेगी !

!
जाती,धर्म कर्म काण्ड सब बाते बकवास है
गीता में लिखा है, हर ह्रदय प्रभु का वास है !!

!
हम गरीबो का कर्म ही देवता कर्म ही भगवान् है
प्रगति पथ के लिए, शिक्षा ही सबसे बड़ा वरदान है !!
!
!
!
डी के निवातिया

Language: Hindi
2 Likes · 314 Views
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