शिक्षक
??? शिक्षक ???
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शिक्षक जीवन का वह रत्न है
शिक्षक, शिक्षक रत्नों में नवरत्न है।
शिक्षक, शिक्षक शिक्षा का वह सार है
शिक्षक, शिक्षक जीवन का आधार है।
शिक्षक , शिक्षक ईश्वर का वह दान है
शिक्षख,शिक्षक ज्ञान रूपी भंडार है।
शिक्षक, शिक्षक जीवन का वह दर्पण है
शिक्षक, शिक्षक छात्र के लिए समर्पण है।
शिक्षक, शिक्षक विद्या का वरदान है
शिक्षक, शिक्षक माँ शारदे का दिया अभयदान है।
शिक्षक, शिक्षक प्रेरणा का वह श्रोत है
शिक्षक, शिक्षक वेदों का स्त्रोत है।
शिक्षक, शिक्षक जीवन का मोती है
शिक्षक, शिक्षक ज्ञान का बहता सोती है।
शिक्षक, शिक्षक देवों का भी देव है
शिक्षक, शिक्षक हीं महादेव है।
शिक्षक, शिक्षक विद्यार्थी की पूंजी है
शिक्षक, शिक्षक बंद दिमाग की कूंजी है।
शिक्षक, शिक्षक आचरण का वह दाता है
शिक्षक , शिक्षक प्रख्यात चरित्र निर्माता है।
शिक्षक, शब्दों का एक गागर है
शिक्षक, शिक्षक ज्ञान का बहता सागर है।
शिक्षक, शिक्षक शिक्षार्थी का समदर्शी है
शिक्षक, शिक्षक अज्ञानता की अर्थी है।
शिक्षक, शिक्षक अशिक्षा के लिए आग है
शिक्षक, शिक्षक तिर्थों में काशी व प्रयाग है।
शिक्षक, शिक्षक ज्ञान की बहती धारा है
शिक्षक, शिक्षक”सचिन” का एक सहारा है।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन
5/9/2017
शिक्षक दिवस पर सभी गुरु जनों का नत्मस्तक हो सादर अभिनंदन।
सभी गुरुजन को सादर चरण स्पर्श।