शिक्षक हैं भाग्य-विधाता
है
माता
जन्मदाता
पिता
बनाए कर्म प्रधान
शिक्षक
है भाग्य-विधाता
है शिक्षक की
महिमा अपार
देते पढाई के
साथ साथ
अपनत्व और
प्यार
हर संकट
परेशानी से
ऊबारे
बन दोस्त
और
भगवान
शिक्षक की
छत्र छाया में
पढ़ते
बच्चे अनेक
सब हैं
उनके लिए एक
करते हैं नमन
हम उनकों
बिना जिनके था
जीवन पंगु
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल