Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2017 · 1 min read

शिक्षक की अभिलाषा

कलम स्लेट हाथों में लेकर लिखना रोज सिखाऊंगा।
झूम झूम कर घूम घूम कर सबको पाठ पढ़ाऊँगा ।।

जीवन सारा करूं समर्पित बच्चों को सिखलाने में ।
ध्येयहीन जीवन का मतलब क्या है फिर बतलाने में।।

बच्चें गायेंगे गाना भी नाच नाच कर सीखेंगे ।
उल्टा पुल्टा आड़ा तिरछा करके सीधा लिक्खेंगे।।

मन के कोरे कागज पर भारत की तस्वीर बनाऊँगा।
भारत की भावी मूरत को अपने हाथ सजाऊंगा।।

हर बच्चे के मानस पट पर भारत मां का चित्र बने।
जाति पांति के भेद भाव को छोड़ सभी के मित्र बने।।

कितना अच्छा अवसर, ईश्वर ने वरदान दिया है ये।
सत्य जानलो ऊपर वाले ने एहसान किया है ये।।

कठिन डगर है डिग न पाये डग तेरा मेरे साथी।
सोच समझकर मजबूती से पग रखना जैसे हाथी।।

कसम रोज खाकरके कहना निर्मल न्याय करूंगा मैं।
आदर्श संहिता और मर्यादा का पर्याय बनूँगा मैं।।

दुनिया की फुलवारी न्यारी मेरी जिम्मेदारी है।
सींच-२ कर इस धरती की सुरभित करना क्यारी है।।

मेरी शाला के परिसर में सुन्दर बाग़ बगीचा हो।
सब्जी भाजी की क्यारी का सुन्दर एक गलीचा हो।।

भोजन की शुचिता के ऊपर हम सब ध्यान धरेंगे भी।
साथ बैठकर शांतभाव से, भोजन ग्रहण करेंगे भी।।

एक समान वेशभूषा हो ऊंच नींच का भेद नहीं।
ओजोन परत में,समरसता की होने देंगे छेद नहीं।।

शाला मेरी बच्चे मेरे दुनिया भर में अच्छे हो ।
महके जिनकी खुशबू जग में सुन्दर से गुलदस्ते हो।।

मेरी शाला के बच्चे ही मेरा सकल जहान है।
इनके हाथों से लिक्खूँगा हिंदुस्तान महान है।।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 1015 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अब न वो आहें बची हैं ।
अब न वो आहें बची हैं ।
Arvind trivedi
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
Ashwini Jha
चल विजय पथ
चल विजय पथ
Satish Srijan
और ज़रा-सा ज़ोर लगा
और ज़रा-सा ज़ोर लगा
Shekhar Chandra Mitra
कविता// घास के फूल
कविता// घास के फूल
Shiva Awasthi
शस्त्र संधान
शस्त्र संधान
Ravi Shukla
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कत्ल करती उनकी गुफ्तगू
कत्ल करती उनकी गुफ्तगू
Surinder blackpen
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
Paras Nath Jha
भगोरिया पर्व नहीं भौंगर्या हाट है, आदिवासी भाषा का मूल शब्द भौंगर्यु है जिसे बहुवचन में भौंगर्या कहते हैं। ✍️ राकेश देवडे़ बिरसावादी
भगोरिया पर्व नहीं भौंगर्या हाट है, आदिवासी भाषा का मूल शब्द भौंगर्यु है जिसे बहुवचन में भौंगर्या कहते हैं। ✍️ राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
shabina. Naaz
"गरीब की बचत"
Dr. Kishan tandon kranti
#आज_का_शेर-
#आज_का_शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-417💐
💐प्रेम कौतुक-417💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भाग्य का लिखा
भाग्य का लिखा
Nanki Patre
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dheerja Sharma
ग्वालियर, ग्वालियर, तू कला का शहर,तेरी भव्यता का कोई सानी नह
ग्वालियर, ग्वालियर, तू कला का शहर,तेरी भव्यता का कोई सानी नह
पूर्वार्थ
राजनीति की नई चौधराहट में घोसी में सभी सिर्फ़ पिछड़ों की बात
राजनीति की नई चौधराहट में घोसी में सभी सिर्फ़ पिछड़ों की बात
Anand Kumar
संत गाडगे संदेश
संत गाडगे संदेश
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*स्वतंत्रता संग्राम के तपस्वी श्री सतीश चंद्र गुप्त एडवोकेट*
*स्वतंत्रता संग्राम के तपस्वी श्री सतीश चंद्र गुप्त एडवोकेट*
Ravi Prakash
मेरी माँ तू प्यारी माँ
मेरी माँ तू प्यारी माँ
Vishnu Prasad 'panchotiya'
आशीर्वाद
आशीर्वाद
Dr Parveen Thakur
जो भक्त महादेव का,
जो भक्त महादेव का,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नई रीत विदाई की
नई रीत विदाई की
विजय कुमार अग्रवाल
मुश्किल जब सताता संघर्ष बढ़ जाता है🌷🙏
मुश्किल जब सताता संघर्ष बढ़ जाता है🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कैसे देखनी है...?!
कैसे देखनी है...?!
Srishty Bansal
नवगीत
नवगीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
23/125.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/125.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक तरफ तो तुम
एक तरफ तो तुम
Dr Manju Saini
Loading...