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12 Nov 2020 · 1 min read

शिकायतें

हम शिकायत नहीं करतीं,
पिता भाई से मार खा कर..
हम चुप रहती हैं,
रास्तों में छेड़े जाने पर….
टीचर के शाबाशी के लिए,
पीठ सहलाए जाने पर….
हम चुप रहतीं हैं
यातनाओं की हर हर बात पर
क्योंकि शिकायतें हमें
इंसाफ नहीं देतीं बल्कि
बन्द कर देतीं हमारा हर रास्ता
जो जाता है
स्कूल, कॉलेज, शिक्षा
या हमारी हर उम्मीदों के
झरोखे तक

Language: Hindi
3 Likes · 296 Views
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