Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2017 · 1 min read

शायरी

नमाज़े इश्क की सदा क़ज़ा करते रहे हम
ख्वाबो में ख़ुदाए इश्क को मांगते रहे हम

है दफ़न मुझमे मेरी कितनी रौनके मत पूछ,
उजड़ उजड़ कर जो बसता रहा वो शहर हूँ मै

®आकिब जावेद

Language: Hindi
Tag: शेर
329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Akib Javed
View all
You may also like:
आंधी
आंधी
Aman Sinha
काश यह मन एक अबाबील होता
काश यह मन एक अबाबील होता
Atul "Krishn"
💐प्रेम कौतुक-454💐
💐प्रेम कौतुक-454💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोस्तों की कमी
दोस्तों की कमी
Dr fauzia Naseem shad
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
उठो द्रोपदी....!!!
उठो द्रोपदी....!!!
Neelam Sharma
हमनवां जब साथ
हमनवां जब साथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
* किधर वो गया है *
* किधर वो गया है *
surenderpal vaidya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#drarunkumarshastei
#drarunkumarshastei
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक संदेश बुनकरों के नाम
एक संदेश बुनकरों के नाम
Dr.Nisha Wadhwa
चतुर लोमड़ी
चतुर लोमड़ी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सकारात्मकता
सकारात्मकता
Sangeeta Beniwal
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
बीमार घर/ (नवगीत)
बीमार घर/ (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
रिश्तों की गहराई लिख - संदीप ठाकुर
रिश्तों की गहराई लिख - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हृदय वीणा हो गया।
हृदय वीणा हो गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जीवन मे कुछ निर्णय
जीवन मे कुछ निर्णय
*Author प्रणय प्रभात*
जल
जल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
इतनी महंगी हो गई है रिश्तो की चुंबक
इतनी महंगी हो गई है रिश्तो की चुंबक
कवि दीपक बवेजा
समय की कविता
समय की कविता
Vansh Agarwal
पागल मन कहां सुख पाय ?
पागल मन कहां सुख पाय ?
goutam shaw
हाँ, नहीं आऊंगा अब कभी
हाँ, नहीं आऊंगा अब कभी
gurudeenverma198
*जो अपना छोड़‌कर सब-कुछ, चली ससुराल जाती हैं (हिंदी गजल/गीतिका)*
*जो अपना छोड़‌कर सब-कुछ, चली ससुराल जाती हैं (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
बाल मन
बाल मन
लक्ष्मी सिंह
23-निकला जो काम फेंक दिया ख़ार की तरह
23-निकला जो काम फेंक दिया ख़ार की तरह
Ajay Kumar Vimal
गुलाब के काॅंटे
गुलाब के काॅंटे
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
"असल बीमारी"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन की यादों को यारो मत भुलना
बचपन की यादों को यारो मत भुलना
Ram Krishan Rastogi
Loading...