Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Mar 2017 · 1 min read

समझता हूँ

तेरे लव से निकलती हर जुबां को में समझता हूँ
तेरे खामोस होने की वजह भी में समझता हूँ
क्यों यारा तुम नहीं समझी मेरे दिल की तमन्ना को
तुम्हे मैं जान अपनी जान से ज्यादा समझता हूँ
तेरी यादे को बातें को जहन में मैं सजोये हूँ
भले खामोस हूँ लेकिन निगाहों में बसाये हूँ
कोई कुछ भी कहे यारा मुझे कोई फ़िकर है न
तुम्हे मैं जान मोहन का चेहरा समझता हूँ
तुझे चन्दा तुझे तारा तुझे सब कुछ समझता हूँ
जला है घर मेरा वो जलना समझता हूँ
तुम्हे अपना बताने की है मजबूरी समझता हूँ
तुम्हारा पास तो बैठा हूँ मगर दूरी समझता हूँ

Language: Hindi
1 Like · 421 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बावला
बावला
Ajay Mishra
मीठे बोल
मीठे बोल
Sanjay ' शून्य'
सोच बदलनी होगी
सोच बदलनी होगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"डूबना"
Dr. Kishan tandon kranti
उदर क्षुधा
उदर क्षुधा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
Suryakant Dwivedi
दूर मजदूर
दूर मजदूर
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
वही है जो इक इश्क़ को दो जिस्म में करता है।
वही है जो इक इश्क़ को दो जिस्म में करता है।
Monika Verma
खाओ जलेबी
खाओ जलेबी
surenderpal vaidya
ड्रीम-टीम व जुआ-सटा
ड्रीम-टीम व जुआ-सटा
Anil chobisa
ये एहतराम था मेरा कि उसकी महफ़िल में
ये एहतराम था मेरा कि उसकी महफ़िल में
Shweta Soni
उर्दू
उर्दू
Shekhar Chandra Mitra
अपने ही हाथों
अपने ही हाथों
Dr fauzia Naseem shad
चलो बनाएं
चलो बनाएं
Sûrëkhâ Rãthí
*लफ्ज*
*लफ्ज*
Kumar Vikrant
💐प्रेम कौतुक-219💐
💐प्रेम कौतुक-219💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
Rj Anand Prajapati
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
"हाथों की लकीरें"
Ekta chitrangini
3194.*पूर्णिका*
3194.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
इश्क वो गुनाह है
इश्क वो गुनाह है
Surinder blackpen
ज्ञान का अर्थ
ज्ञान का अर्थ
ओंकार मिश्र
भारत के बच्चे
भारत के बच्चे
Rajesh Tiwari
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
#आज_की_चौपाई-
#आज_की_चौपाई-
*Author प्रणय प्रभात*
तेरी गली में बदनाम हों, हम वो आशिक नहीं
तेरी गली में बदनाम हों, हम वो आशिक नहीं
The_dk_poetry
Loading...