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27 May 2020 · 1 min read

शायरी

अपनों की याद में यूं आंखें तड़प गई,
आये नहीं वो कयी घड़ियां निकल गई,।

क्या पता कोई मजबूरी या बहाना था,
हमें तो बस उनके साथ वक्त बिताना था,।

Jayvind Singh Ngariya Ji

Language: Hindi
Tag: शेर
427 Views
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