Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2021 · 1 min read

शायरी सी कविता सी

शायरी सी कविता सी

अंबुज सी खिली हुई भोली सी चंचल सी
लकुटी सी काया पर जुल्फ घनी उपवन सी
कामिनी वह भोली सी सोम्य पथगामिनी है…
शायरी सी कविता सी स्नेह मृदु वाचनी है…

रमा राधा सीता सी मीरा अनसुईया लगे
मालती की खुशबू सी सूर की सवैया लगे
क्या कहूँ कौन है वो क्यूँ याद आती है
सोचता हूँ दिन रैन, चैन रिपु या साथिनी है…

दिल में धड़कती रहे अँखियों से ओझल है
कानों में वीणा धुन तन मन वोझिल है
शिशिर में कुहासे बाद भानु सी उदित हो
वरखा में अँधेरी रात तड़की यूं दामिनी है…

प्रातःकाल ऊषा सी मध्यान्ह तरु छाया
सायंकाल क्षितिज जैसे लालिमा में घिर आया
सुप्त तन में आँख खुली मावस की रात को
लगा शरद पूर्णिमा को खिल रही चाँदनी है…

भूख भी तो लगती नहीं, पानी है प्यास नहीं
नैनों ने देखी नहीं मिलने की आस नहीं
भारत तू पगला है कैसा भ्रम पाल लिया
तू है निरीह साज यह जटिल रागिनी है…..

भारतेन्द्र शर्मा
19.01.2021

Language: Hindi
4 Likes · 5 Comments · 354 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
Jitendra kumar
■ होशियार भून रहे हैं। बावले भुनभुना रहे हैं।😊
■ होशियार भून रहे हैं। बावले भुनभुना रहे हैं।😊
*Author प्रणय प्रभात*
#शर्माजी के शब्द
#शर्माजी के शब्द
pravin sharma
विनम्रता, साधुता दयालुता  सभ्यता एवं गंभीरता जवानी ढलने पर आ
विनम्रता, साधुता दयालुता सभ्यता एवं गंभीरता जवानी ढलने पर आ
Rj Anand Prajapati
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
पंकज प्रियम
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम
Vishal babu (vishu)
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
Shweta Soni
दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
Seema Verma
कौन सुनेगा बात हमारी
कौन सुनेगा बात हमारी
Surinder blackpen
Asan nhi hota yaha,
Asan nhi hota yaha,
Sakshi Tripathi
वक्ष स्थल से छलांग / MUSAFIR BAITHA
वक्ष स्थल से छलांग / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
धीरज रख ओ मन
धीरज रख ओ मन
Harish Chandra Pande
चिरकाल तक लहराता अपना तिरंगा रहे
चिरकाल तक लहराता अपना तिरंगा रहे
Suryakant Angara Kavi official
जब से मेरी आशिकी,
जब से मेरी आशिकी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
संसार में सही रहन सहन कर्म भोग त्याग रख
संसार में सही रहन सहन कर्म भोग त्याग रख
पूर्वार्थ
खूबसूरती एक खूबसूरत एहसास
खूबसूरती एक खूबसूरत एहसास
Dr fauzia Naseem shad
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
Shekhar Chandra Mitra
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
shabina. Naaz
"बीज"
Dr. Kishan tandon kranti
23/220. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/220. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अंतस के उद्वेग हैं ,
अंतस के उद्वेग हैं ,
sushil sarna
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
manjula chauhan
जवानी के दिन
जवानी के दिन
Sandeep Pande
दिखाना ज़रूरी नहीं
दिखाना ज़रूरी नहीं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
कवि रमेशराज
*
*"शिव आराधना"*
Shashi kala vyas
हंसकर मुझे तू कर विदा
हंसकर मुझे तू कर विदा
gurudeenverma198
हिंदी मेरी माँ
हिंदी मेरी माँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
Loading...