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10 Sep 2018 · 1 min read

शायरी के खुदा मीर ने रूलाया हमें

कभी किस्मत तो कभी तक़दीर ने रूलाया हमें
यूँ रातों रात उसकी इक तस्वीर ने रूलाया हमें॥

वो नादानी वो बचपन वो बस पल भर की उलझन
फिर से न मिलने वाली उस जागीर ने रूलाया हमें॥

हर दर्द की आह पर वाह दिलाती रहीं गजलें
आज मंच पर शायरी के खुदा मीर ने रूलाया हमें॥
Zo Zo Sandeep Yadav

Language: Hindi
362 Views
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