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20 Jan 2020 · 1 min read

शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है

बस्तियां दिल की वीरां हो गयी है
प्यार की दुनियां कहीँ खो गयी है
आ जाओ बसेरा कर लो इसमें अपन्स
शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है।।
मधुप बैरागी

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 456 Views
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