शाम,छत और लड़की
ख्वाहिशें सारी पूरी कर दो!
आज ख़त्म हर दूरी कर दो!!
चेहरे से हटाकर जुल्फ़ों को
तुम शाम यह सिंदूरी कर दो!!
एक लम्हे में ही इस छत का
मौसम सुहाना हो सकता है!
अपनी सांसें घोलकर इनमें
मेरी सांसें कस्तूरी कर दो!!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)