Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2017 · 1 min read

शहीदों को नमन

आज मैं नमन करती हूँ उन वीरों को जिनके बलिदानों की खातिर आज हम सबको यह साल भी नसीब हुआ ।
सीमा के सभी रक्षकों को जिनकी खातिर हम सब अपने आपको सुरक्षित महसूस करते है ।
उनको नमन!!
हम अपनी खुशियों को बाँट रहे हैं नए साल का आगमन कर रहे हैं ।
क्यों हम उनको भूल रहे हैं जिनके चिराग सीमा की रक्षा करते हुए और देश की ख़ातिर शहीद हो गए ।
मैं पूरे देश की तरफ से उन वीरों के आगे नतमस्तक हूँ और उनके माता-पिता को सहृदय नमन करती हूँ जिन्होंने ऐसे वीर सुपुत्र पाए ।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 266 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिडम्बना
बिडम्बना
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
पलक झपकते हो गया, निष्ठुर  मौन  प्रभात ।
पलक झपकते हो गया, निष्ठुर मौन प्रभात ।
sushil sarna
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Ram Krishan Rastogi
कैलाशा
कैलाशा
Dr.Pratibha Prakash
अंजाम
अंजाम
Bodhisatva kastooriya
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
Rajesh vyas
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
Ashwini Jha
मन जो कि सूक्ष्म है। वह आसक्ति, द्वेष, इच्छा एवं काम-क्रोध ज
मन जो कि सूक्ष्म है। वह आसक्ति, द्वेष, इच्छा एवं काम-क्रोध ज
पूर्वार्थ
"आखिरी इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
थोथा चना
थोथा चना
Dr MusafiR BaithA
■  आज का लॉजिक
■ आज का लॉजिक
*Author प्रणय प्रभात*
श्याम अपना मान तुझे,
श्याम अपना मान तुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
* मधुमास *
* मधुमास *
surenderpal vaidya
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर (कुंडलिया)
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
23/184.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/184.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भेद नहीं ये प्रकृति करती
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
जल जंगल जमीन जानवर खा गया
जल जंगल जमीन जानवर खा गया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नदियों का एहसान
नदियों का एहसान
RAKESH RAKESH
सबक
सबक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गर्म चाय
गर्म चाय
Kanchan Khanna
खुशियाँ
खुशियाँ
Dr Shelly Jaggi
माना अपनी पहुंच नहीं है
माना अपनी पहुंच नहीं है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बन जाने दो बच्चा मुझको फिर से
बन जाने दो बच्चा मुझको फिर से
gurudeenverma198
लफ्ज़
लफ्ज़
Dr Parveen Thakur
यादों के तराने
यादों के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कभी किसी को इतनी अहमियत ना दो।
कभी किसी को इतनी अहमियत ना दो।
Annu Gurjar
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...