Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2017 · 2 min read

शरारती बंकू

किसी शहर के समीप एक जंगल था, जिसका नाम सुंदरवन था। उस वन में सारे जानवर ख़ुशी ख़ुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे, उस वन में एक बंदर का बच्चा था। वह बहुत शरारती था, फिर भी वह सबका प्यारा था। उसका नाम बंकू था।वह वन में अपने दोस्तों के साथ घूमता रहता था, एक दिन वह शहर जाने की सोच रहा था। उसने अपने साथियों से शहर की और साथ चलने की और कहा पर सबने शहर जाने से मना कर दिया,क्योंकि उसके माता पिता ने उन्हें शहर जाने से मना किया था।इसलिए उसके दोस्तों ने शहर जानें से मन कर दिया। बंकू अपने माता पिता से शहर जानें से मना कर दिया, बंकू के माता पिता ने बंकू से कहा की तुम अभी बच्चे हो,वहां पर बहुत भीड़ भार गाड़ी-मोटर होती है,जान जाने का भी खतरा रहता है,पर उसकी शहर जाने की इच्छा खत्म नही हुई।एक दिन राजा शेर सिंह का जन्मदिन था,सारे जानवरों को न्योता दिया गया था,सारे जानवर वहां चले गए पर बंकू बहाने बनाकर घर में ही रह गया, जब सब लोग चले गए तब वह घर से चुपके चुपके शहर की और निकल गया, वह शहर पहुँच गया की अचानक रोड पार करते समय किसी गाड़ी ने उसे धक्का दे दिया  वह वही तुरंत मर गया जब सब बंदर घर पर आये तो उन्होनें देखा की बंकू घर पर नहीं है, बंदरों को अपने जेरे तथा बच्चों की गंध दूर से ही लग जाती है, सूंघते सूंघते वे सब शहर  आ गए और देखा की वहां पर बहुत भीड़ लगी थी, सामने जाकर देखा तो उसका ही बंकू सरक  पर लेटा परा था, उसने सोचा की वह बेहोंश हो गया है, कुछ बंदरों ने उसे सूंघ कर देखा कुछ बंदरों ने उसे जरी बुटी लाकर सुंघाया .उसके माता पिता ने उलट पुलट कर देखा तो उन्हें मालूम हुआ की वो मर गया है। उन सब बंदरों ने सरक को जाम कर दिया , और वही बैठकर सब रोने लगे, गाड़ी वाले ने बंकू का अंतिम संस्कार किया।तब जाकर उन बंदरों ने उसका रास्ता छोड़ा, हालाँकि उस गाड़ी वाले का कोई दोष नहीं था। बंकू शहर में इतनी भीड़ भार को देखकर डर गया था। और इधर उधर भागने लगा था , शहर में तो गाड़ी मोटर चलती ही रहती है। उसने अपने माता पिता की बात नही मानी थी । इसलिए उसका ये हाल हुआ।

   नाम-ममता रानी ,राधानगर ,(बाँका)

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 341 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Rani
View all
You may also like:
घाघरा खतरे के निशान से ऊपर
घाघरा खतरे के निशान से ऊपर
Ram Krishan Rastogi
दिव्य बोध।
दिव्य बोध।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
धिक्कार उन मूर्खों को,
धिक्कार उन मूर्खों को,
*Author प्रणय प्रभात*
ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मित्र भाग्य बन जाता है,
मित्र भाग्य बन जाता है,
Buddha Prakash
भगतसिंह
भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
चैतन्य
चैतन्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नन्दी बाबा
नन्दी बाबा
Anil chobisa
रिश्ते फीके हो गए
रिश्ते फीके हो गए
पूर्वार्थ
23/43.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/43.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्री राम के आदर्श
श्री राम के आदर्श
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
Phool gufran
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
Vishal babu (vishu)
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है
Atul "Krishn"
रामबाण
रामबाण
Pratibha Pandey
भारत में भीख मांगते हाथों की ۔۔۔۔۔
भारत में भीख मांगते हाथों की ۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
हाय हाय रे कमीशन
हाय हाय रे कमीशन
gurudeenverma198
"सार"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ामोश सा शहर
ख़ामोश सा शहर
हिमांशु Kulshrestha
💐अज्ञात के प्रति-129💐
💐अज्ञात के प्रति-129💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Lines of day
Lines of day
Sampada
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
Naushaba Suriya
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
जला दो दीपक कर दो रौशनी
जला दो दीपक कर दो रौशनी
Sandeep Kumar
जीवन में समय होता हैं
जीवन में समय होता हैं
Neeraj Agarwal
छह दिसबंर / मुसाफ़िर बैठा
छह दिसबंर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
हाइकु .....चाय
हाइकु .....चाय
sushil sarna
अगर तोहफ़ा देने से मुहब्बत
अगर तोहफ़ा देने से मुहब्बत
shabina. Naaz
मैं कवि हूं
मैं कवि हूं
Shyam Sundar Subramanian
Loading...