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17 Jun 2021 · 1 min read

शब्द मेरे

शब्द मेरे बन गये , धार और आधार भी
शब्द मेरे तैरते से , काव्य की पतवार भी
शब्द बिन तो लेखनी , भी हो गई है मौन सी
शब्द बन गये ढाल , हृदयबेघी मार भी

Language: Hindi
78 Likes · 2 Comments · 618 Views
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