Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2021 · 1 min read

शब्द – तलाश

दिल चंचल
खोजता तलाशता
सुकून चैन ।

जीवन भर
तलाश वजूद की
भटका मन ।

तलाश मुक्ति
मोह – माया बंधन
नश्वर तन ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 26/05/2021 )

Language: Hindi
378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आज की नारी
आज की नारी
Shriyansh Gupta
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
3046.*पूर्णिका*
3046.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पंचतत्व
पंचतत्व
लक्ष्मी सिंह
ऐ महबूब
ऐ महबूब
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
Vishal babu (vishu)
युही बीत गया एक और साल
युही बीत गया एक और साल
पूर्वार्थ
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
ख़ान इशरत परवेज़
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
sushil sarna
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Harminder Kaur
पहला सुख निरोगी काया
पहला सुख निरोगी काया
जगदीश लववंशी
*गीता सुनाई कृष्ण ने, मधु बॉंसुरी गाते रहे(मुक्तक)*
*गीता सुनाई कृष्ण ने, मधु बॉंसुरी गाते रहे(मुक्तक)*
Ravi Prakash
जिंदगी का ये,गुणा-भाग लगा लो ll
जिंदगी का ये,गुणा-भाग लगा लो ll
गुप्तरत्न
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
अपनी टोली
अपनी टोली
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कितना लिखता जाऊँ ?
कितना लिखता जाऊँ ?
The_dk_poetry
उड़ान
उड़ान
Saraswati Bajpai
महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी
महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी
Seema gupta,Alwar
प्यारी ननद - कहानी
प्यारी ननद - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुलगते एहसास
सुलगते एहसास
Surinder blackpen
■ दूसरा पहलू
■ दूसरा पहलू
*Author प्रणय प्रभात*
कल और आज जीनें की आस
कल और आज जीनें की आस
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
श्री कृष्ण अवतार
श्री कृष्ण अवतार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
पुस्तकों से प्यार
पुस्तकों से प्यार
surenderpal vaidya
मोबाइल
मोबाइल
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Loading...