Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2016 · 1 min read

वक़्त था गुजर गया दौर आना अभी बाकी है

लहर थी गुज़र गयी
सैलाब आना बाकी है

बिखरे हैं टूटकर
जितनी दफा टुकड़े
हर एक को वजूद
मिलना अभी बाकि है
हवा थी गुज़र गयी
तूफ़ान आना अभी बाकी है

वक़्त था गुजर गया
दौर आना अभी बाकी है

440 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Yashvardhan Goel
View all
You may also like:
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
"जिस में लज़्ज़त वही लाजवाब।
*Author प्रणय प्रभात*
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
shabina. Naaz
देश हमर अछि श्रेष्ठ जगत मे ,सबकेँ अछि सम्मान एतय !
देश हमर अछि श्रेष्ठ जगत मे ,सबकेँ अछि सम्मान एतय !
DrLakshman Jha Parimal
,,
,,
Sonit Parjapati
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
सच
सच
Sanjeev Kumar mishra
VISHAL
VISHAL
Vishal Prajapati
आप की मुस्कुराहट ही आप की ताकत हैं
आप की मुस्कुराहट ही आप की ताकत हैं
शेखर सिंह
अपनी पहचान
अपनी पहचान
Dr fauzia Naseem shad
धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो,
धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो,
हिमांशु Kulshrestha
"हठी"
Dr. Kishan tandon kranti
जन्माष्टमी महोत्सव
जन्माष्टमी महोत्सव
Neeraj Agarwal
2593.पूर्णिका
2593.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कितने ही गठबंधन बनाओ
कितने ही गठबंधन बनाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रेम - एक लेख
प्रेम - एक लेख
बदनाम बनारसी
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोस्ती का रिश्ता
दोस्ती का रिश्ता
विजय कुमार अग्रवाल
केवल
केवल
Shweta Soni
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
Kishore Nigam
इससे पहले कि ये जुलाई जाए
इससे पहले कि ये जुलाई जाए
Anil Mishra Prahari
सपने..............
सपने..............
पूर्वार्थ
दोहा मुक्तक
दोहा मुक्तक
sushil sarna
मां कुष्मांडा
मां कुष्मांडा
Mukesh Kumar Sonkar
शब्द मधुर उत्तम  वाणी
शब्द मधुर उत्तम वाणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बसंत बहार
बसंत बहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
Swati
तपोवन है जीवन
तपोवन है जीवन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
आधुनिक भारत के कारीगर
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...