Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2018 · 1 min read

व्यथा बृद्ध श्रमिक की

कोई न समझ पायेगा
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
इनके इस श्रम पर मैं क्या कहूँ
क्या शब्द इन्हें नाप सकेंगे ?
क्या इनकी भावनायें भाँप सकेंगे?
हम इन्हें देख दो बातें कह देंगे
ज्यादा से ज्यादा एक कविता गढ़ देंगे
बहुत खूब , वाह – वाह
जैसी तारीफ मिलेगी
पर क्या इससे इनकी
वेदनाएं कभी घटेंगी
बचपन कुड़ा बीनते बीता
समझ न आई जवानी
बोझ ढोते बुढापा बीत रहा
यहीं है अमर कहानी
हमें क्या ? हम तो इनके चेहरे
सलीके से पढ लेंगे
अनुभव जो है पढने की
मर्मस्पर्शी दो बाते कह देंगे
अपनी जिम्मेदारी निभायेंगे
फिर अपने ही धुन में मगन
नौ दो ग्यारह हो जायेंगे
किन्तु ये यूं ही बदस्तूर
अपने जीवन का बोझ
निरंतर ढोते रहेंगे
हर सुख से बेखबर
अवसान की ओर
अपने चिता की लकड़ी
खुद ही संजोते रहेंगे
बदस्तूर… बदस्तूर.. बदस्तूर
********
✍✍पं.संजीव शुक्ल “सचिन”

Language: Hindi
345 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
दे दो, दे दो,हमको पुरानी पेंशन
दे दो, दे दो,हमको पुरानी पेंशन
gurudeenverma198
हिंदी
हिंदी
नन्दलाल सुथार "राही"
जननी
जननी
Mamta Rani
आदिपुरुष आ बिरोध
आदिपुरुष आ बिरोध
Acharya Rama Nand Mandal
भोजपुरीया Rap (2)
भोजपुरीया Rap (2)
Nishant prakhar
महफ़िल में गीत नहीं गाता
महफ़िल में गीत नहीं गाता
Satish Srijan
वो बातें
वो बातें
Shyam Sundar Subramanian
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
मेरे जैसे तमाम
मेरे जैसे तमाम "fools" को "अप्रैल फूल" मुबारक।
*Author प्रणय प्रभात*
देकर घाव मरहम लगाना जरूरी है क्या
देकर घाव मरहम लगाना जरूरी है क्या
Gouri tiwari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
मैदान-ए-जंग में तेज तलवार है मुसलमान,
मैदान-ए-जंग में तेज तलवार है मुसलमान,
Sahil Ahmad
आँखे हैं दो लेकिन नज़र एक ही आता है
आँखे हैं दो लेकिन नज़र एक ही आता है
शेखर सिंह
कभी हैं भगवा कभी तिरंगा देश का मान बढाया हैं
कभी हैं भगवा कभी तिरंगा देश का मान बढाया हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
प्रेरणा गीत (सूरज सा होना मुश्किल पर......)
प्रेरणा गीत (सूरज सा होना मुश्किल पर......)
अनिल कुमार निश्छल
त्याग
त्याग
AMRESH KUMAR VERMA
जलियांवाला बाग,
जलियांवाला बाग,
अनूप अम्बर
प्रेम.....
प्रेम.....
हिमांशु Kulshrestha
*मोती (बाल कविता)*
*मोती (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"बढ़"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य दीप जलता हुआ,
सत्य दीप जलता हुआ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
" मेरे जीवन का राज है राज "
Dr Meenu Poonia
चाँद सी चंचल चेहरा🙏
चाँद सी चंचल चेहरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हिन्दी
हिन्दी
लक्ष्मी सिंह
- फुर्सत -
- फुर्सत -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
💐अज्ञात के प्रति-112💐
💐अज्ञात के प्रति-112💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए,
कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
2513.पूर्णिका
2513.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अपनी सोच
अपनी सोच
Ravi Maurya
अर्थ  उपार्जन के लिए,
अर्थ उपार्जन के लिए,
sushil sarna
Loading...