Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2016 · 1 min read

व्यंग्य -कविता

बदल लेते हैं
—————
कुछ लोग अहसास बदल लेते हैं ,
कुछ लोग बिश्वास बदल लेते हैं ।
दामन तो कीचड़ से सना है लेकिन ,
कुछ लोग लिबास बदल लेते हैं ।।
अब तो चापलूसों की ही कदर होती है,
गुण्डों चोर उचक्कों पर ही नजर होती है ।
बगुनाहों पर बरस जाते हैं शोले ,
ईमानदारों की गर्दिश में बसर होती है ।।
कुछ लोग आवास बदल लेते हैं । कुछ लोग …….
आज तो बगुनाह पर गुनाहगार राज करता है,
गुनाहगार को ही सलाम समाज करता है ।
उसूल वालों को दरकिनार कर दिया जाता है,
खुशामदी मौकापरस्त पर नाज़ करता है ।।
मतलब निकल जाये तो कुछ खासमखास बदल लेते हैं । कुछ लोग ……………………
:- डाँ तेज स्वरूप भारद्वाज -:

Language: Hindi
1575 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं होता डी एम
मैं होता डी एम"
Satish Srijan
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
kab miloge piya - Desert Fellow Rakesh Yadav ( कब मिलोगे पिया )
kab miloge piya - Desert Fellow Rakesh Yadav ( कब मिलोगे पिया )
Desert fellow Rakesh
मन
मन
Neelam Sharma
2580.पूर्णिका
2580.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"वृद्धाश्रम"
Radhakishan R. Mundhra
दशहरा पर्व पर कुछ दोहे :
दशहरा पर्व पर कुछ दोहे :
sushil sarna
ठगी
ठगी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म
किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म
Dr MusafiR BaithA
Love is not about material things. Love is not about years o
Love is not about material things. Love is not about years o
पूर्वार्थ
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
कवि रमेशराज
हमारी मोहब्बत का अंजाम कुछ ऐसा हुआ
हमारी मोहब्बत का अंजाम कुछ ऐसा हुआ
Vishal babu (vishu)
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
योगी है जरूरी
योगी है जरूरी
Tarang Shukla
सांवले मोहन को मेरे वो मोहन, देख लें ना इक दफ़ा
सांवले मोहन को मेरे वो मोहन, देख लें ना इक दफ़ा
The_dk_poetry
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
शेखर सिंह
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
Ravi Prakash
जानते वो भी हैं...!!!
जानते वो भी हैं...!!!
Kanchan Khanna
कि हम मजदूर है
कि हम मजदूर है
gurudeenverma198
जड़ें
जड़ें
Dr. Kishan tandon kranti
#शख़्सियत...
#शख़्सियत...
*Author प्रणय प्रभात*
उजले दिन के बाद काली रात आती है
उजले दिन के बाद काली रात आती है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
-- तभी तक याद करते हैं --
-- तभी तक याद करते हैं --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मोलभाव
मोलभाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
Ranjeet kumar patre
*खुश रहना है तो जिंदगी के फैसले अपनी परिस्थिति को देखकर खुद
*खुश रहना है तो जिंदगी के फैसले अपनी परिस्थिति को देखकर खुद
Shashi kala vyas
हम जैसे बरबाद ही,
हम जैसे बरबाद ही,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अब कहां वो प्यार की रानाइयां।
अब कहां वो प्यार की रानाइयां।
सत्य कुमार प्रेमी
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet kumar Shukla
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...