Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2017 · 1 min read

वो

एक मुकम्मल जहांन सा है , वो
सारी दुनियां से कुछ जुदा है ,वो

कितने दिल उसपे आज मरते हैं
जाने क्यूँ मुझ पे ही फ़िदा ,है वो

उसको इंकार करती जाऊ , मैं
कब से राहों में ही खड़ा है ,वो

मेरी हर बात जिसको ,भाती है
ऐसा अल्हड़ सा सिरफिरा है, वो।

हर घडी जिक्र मेरा करता है
यूँ ख़्यालो में गुमशुदा है , वो।

बड़ी पाकीज़ा सी मुहब्बत है
मेरे दिल में उतर रहा है, वो।

Language: Hindi
1 Like · 494 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
साहसी बच्चे
साहसी बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
DR. ARUN KUMAR SHASTRI
DR. ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यह ज़मीं है सबका बसेरा
यह ज़मीं है सबका बसेरा
gurudeenverma198
।।श्री सत्यनारायण व्रत कथा।।प्रथम अध्याय।।
।।श्री सत्यनारायण व्रत कथा।।प्रथम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
***होली के व्यंजन***
***होली के व्यंजन***
Kavita Chouhan
#सुप्रभात
#सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
" प्यार के रंग" (मुक्तक छंद काव्य)
Pushpraj Anant
सरकार के सारे फ़ैसले
सरकार के सारे फ़ैसले
*Author प्रणय प्रभात*
*नव वर्ष (मुक्तक)*
*नव वर्ष (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मैंने कभी भी अपने आप को इस भ्रम में नहीं रखा कि मेरी अनुपस्थ
मैंने कभी भी अपने आप को इस भ्रम में नहीं रखा कि मेरी अनुपस्थ
पूर्वार्थ
सम्भल कर चलना जिंदगी के सफर में....
सम्भल कर चलना जिंदगी के सफर में....
shabina. Naaz
" आज़ का आदमी "
Chunnu Lal Gupta
*** एक दीप हर रोज रोज जले....!!! ***
*** एक दीप हर रोज रोज जले....!!! ***
VEDANTA PATEL
बोगेनविलिया
बोगेनविलिया
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
प्रेम
प्रेम
Rashmi Sanjay
2943.*पूर्णिका*
2943.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*मन के धागे बुने तो नहीं है*
*मन के धागे बुने तो नहीं है*
Buddha Prakash
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
💐प्रेम कौतुक-410💐
💐प्रेम कौतुक-410💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मन मंथन कर ले एकांत पहर में
मन मंथन कर ले एकांत पहर में
Neelam Sharma
प्रणय 3
प्रणय 3
Ankita Patel
नारी तेरा रूप निराला
नारी तेरा रूप निराला
Anil chobisa
हों जो तुम्हे पसंद वही बात कहेंगे।
हों जो तुम्हे पसंद वही बात कहेंगे।
Rj Anand Prajapati
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
राम जैसा मनोभाव
राम जैसा मनोभाव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
इतना बवाल मचाएं हो के ये मेरा हिंदुस्थान है
इतना बवाल मचाएं हो के ये मेरा हिंदुस्थान है
'अशांत' शेखर
राज्याभिषेक
राज्याभिषेक
Paras Nath Jha
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
Surinder blackpen
Loading...