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10 Aug 2019 · 1 min read

वो पराई हो गयी

ज़माने में
यादें
वो बेवक्त
दे गयी
बीच
मझधार में
छोड़ वो
पराई हो गयी

कहाँ
तलक
सहें
उनकी
बेबफाईयाँ
पास
हो कर
वो
गुमनाम
हैं

स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

385 Views
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