Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2017 · 1 min read

!!! वो क्या कहेंगे, हम से !!!

वो क्या कहेंगे, हमसे
यह कहना का हक़, गुजर गया है तुमसे
बड़ी उल्फात में, गुजर रही है रात,
साथ ही वो कहने का, वक्त भी गुजर गया है !!

सो रही है , सारी बसती
तन्हाई और हम , जाग रहे हैं,
रह रह कर, उनके ख्याल आ जा रहे हैं,
शायद , अब ख्यालों का भी गुजरने का वक्त आ गया है !!

ये चाहत ही की मुराद ही कुछ ऐसी है
जिस ने सोते सोते मुझ को, जगा दिया है
कभी ख्याल में वो आते, कभी चले जाते हैं
अब इन लम्हों के गुजरने का, वक्त भी आ गया है !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
जिन्दगी
जिन्दगी
Bodhisatva kastooriya
कई लोगों के दिलों से बहुत दूर हुए हैं
कई लोगों के दिलों से बहुत दूर हुए हैं
कवि दीपक बवेजा
💐प्रेम कौतुक-304💐
💐प्रेम कौतुक-304💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
Ranjeet kumar patre
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
गर कभी आओ मेरे घर....
गर कभी आओ मेरे घर....
Santosh Soni
बिहार, दलित साहित्य और साहित्य के कुछ खट्टे-मीठे प्रसंग / MUSAFIR BAITHA
बिहार, दलित साहित्य और साहित्य के कुछ खट्टे-मीठे प्रसंग / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
शाम
शाम
Neeraj Agarwal
फागुन
फागुन
Punam Pande
*
*"मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम"*
Shashi kala vyas
लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
■ बेहद शर्मनाक...!!
■ बेहद शर्मनाक...!!
*Author प्रणय प्रभात*
जिंदगी की फितरत
जिंदगी की फितरत
Amit Pathak
अब मेरी मजबूरी देखो
अब मेरी मजबूरी देखो
VINOD CHAUHAN
बदलती दुनिया
बदलती दुनिया
साहित्य गौरव
मेरा सुकून....
मेरा सुकून....
Srishty Bansal
झुक कर दोगे मान तो,
झुक कर दोगे मान तो,
sushil sarna
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"चलना सीखो"
Dr. Kishan tandon kranti
फूल और खंजर
फूल और खंजर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
हरवंश हृदय
इस दुनिया के रंगमंच का परदा आखिर कब गिरेगा ,
इस दुनिया के रंगमंच का परदा आखिर कब गिरेगा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
2737. *पूर्णिका*
2737. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* मिल बढ़ो आगे *
* मिल बढ़ो आगे *
surenderpal vaidya
दिल की दहलीज़ पर जब भी कदम पड़े तेरे।
दिल की दहलीज़ पर जब भी कदम पड़े तेरे।
Phool gufran
बस चलता गया मैं
बस चलता गया मैं
Satish Srijan
सुखदाई सबसे बड़ी, निद्रा है वरदान (कुंडलिया)*
सुखदाई सबसे बड़ी, निद्रा है वरदान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" नयन अभिराम आये हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
नींद का चुरा लेना बड़ा क़ातिल जुर्म है
नींद का चुरा लेना बड़ा क़ातिल जुर्म है
'अशांत' शेखर
सुप्रभात
सुप्रभात
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Loading...