Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2018 · 1 min read

वो अंजान….

मासूम सा था नादान सा था
वो इश्क हैरान परेशान सा था
चेहरे पर लटकती थी जो जुल्फें
लगता उससे वो बेईमान सा था
वो जो कच्ची उमर का इश्क था
लगता वो सच्चा इमान सा था
खिलखिलाती हँसी जो थी उसकी
उसीमे बसता मेरा सारा जँहा सा था
बेवरपाह सा था वो जमाने से ऐसे
जैसे हर चीज से वो अंजान सा था
आया वो जिंदगी मे खुशीयाँ लेकर लेकिन
कुछ पल ठहरने वाला मेहमान सा था
जाने वाले लौटकर आते नही कभी
फिर भी मुझे उस पर गुमान सा था
मिल जाए अब मुझे कुछ भी लेकिन
तेरा आना न मिटने वाला इक एहसान सा था……

#निखिल_कुमार_अंजान….

Language: Hindi
373 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यारा सा गांव
प्यारा सा गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*अभी भी शादियों में खर्च, सबकी प्राथमिकता है (मुक्तक)*
*अभी भी शादियों में खर्च, सबकी प्राथमिकता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बारिश
बारिश
Mr.Aksharjeet
बैठी रहो कुछ देर और
बैठी रहो कुछ देर और
gurudeenverma198
****मैं इक निर्झरिणी****
****मैं इक निर्झरिणी****
Kavita Chouhan
FUSION
FUSION
पूर्वार्थ
"नए पुराने नाम"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार, संस्कार और रस [ तीन ]
विचार, संस्कार और रस [ तीन ]
कवि रमेशराज
नहीं कोई लगना दिल मुहब्बत की पुजारिन से,
नहीं कोई लगना दिल मुहब्बत की पुजारिन से,
शायर देव मेहरानियां
कोरोना काल मौत का द्वार
कोरोना काल मौत का द्वार
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बेटी उड़ान पर बाप ढलान पर👰👸🙋👭🕊️🕊️
बेटी उड़ान पर बाप ढलान पर👰👸🙋👭🕊️🕊️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है
कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है
शेखर सिंह
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कब मिलोगी मां.....
कब मिलोगी मां.....
Madhavi Srivastava
चाय ही पी लेते हैं
चाय ही पी लेते हैं
Ghanshyam Poddar
प्यार में ही तकरार होती हैं।
प्यार में ही तकरार होती हैं।
Neeraj Agarwal
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3106.*पूर्णिका*
3106.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
Ravi Ghayal
बात ! कुछ ऐसी हुई
बात ! कुछ ऐसी हुई
अशोक शर्मा 'कटेठिया'
पात कब तक झरेंगें
पात कब तक झरेंगें
Shweta Soni
संवेदना जगी तो .. . ....
संवेदना जगी तो .. . ....
Dr.Pratibha Prakash
मोरे मन-मंदिर....।
मोरे मन-मंदिर....।
Kanchan Khanna
ज़िंदगी में अपना पराया
ज़िंदगी में अपना पराया
नेताम आर सी
Loading...