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9 Oct 2020 · 1 min read

“”वे पल “” वफा का अंजाम””

(१)
वे पल भी अजीब थे, जब हम उनके करीब थे।
दिल तो बड़ा था हमारा ,पर उनकी नजरों में गरीब थे।
चाहा तो बहुत था उनको, पर क्यों ठुकराया,
दोष उनका नहीं शायद, यह हमारे नसीब थे।।
(२)
वफा का अंजाम वफा ही होगा,
यह हमारी भूल थी ।
सादगी ही जीवन हमारा,
उन्हें नहीं कबूल थी ।

हम भी छोड़ आए उस महफिल को,
जहां नष्ट होती मानवता समूल थी।।

राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 413 Views
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