Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2019 · 1 min read

वृक्ष

मनुष्य के जीवन का आधार है
कुछ खास है
पेड़ ही तो प्राणाधार है
हमे आभास है
धरती की शोभा बढ़ाते
दिन रात
पर्यावरण को स्वच्छ बनाते
हर बार

पेड़ सदा देते हैं छाया
जब धधकती ज्वाला
सुमन सुगंध देते हम सब को
फूलों की माला
पेड़ ही तो राहगीर का ताप मिटाते
वृक्ष ही तो जीवन का आधार दिलाते

मनुष्य के जीवन का हिस्सा है खास
फिर क्यो हो रहा इनका विनाश
आओ मिलकर अभियान चलाये
वृक्ष लगाकर पर्यावरण में योगदान दिलाये

Language: Hindi
3 Likes · 512 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Neha
View all
You may also like:
Girvi rakh ke khud ke ashiyano ko
Girvi rakh ke khud ke ashiyano ko
Sakshi Tripathi
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
हरा-भरा अब कब रहा, पेड़ों से संसार(कुंडलिया )
हरा-भरा अब कब रहा, पेड़ों से संसार(कुंडलिया )
Ravi Prakash
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
"ओस की बूंद"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
2560.पूर्णिका
2560.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मानवता और जातिगत भेद
मानवता और जातिगत भेद
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
आँखों में ख्व़ाब होना , होता बुरा नहीं।।
आँखों में ख्व़ाब होना , होता बुरा नहीं।।
Godambari Negi
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लीकछोड़ ग़ज़ल / मुसाफ़िर बैठा
लीकछोड़ ग़ज़ल / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
We all have our own unique paths,
We all have our own unique paths,
पूर्वार्थ
मेरे फितरत में ही नहीं है
मेरे फितरत में ही नहीं है
नेताम आर सी
मेरी बातों का असर यार हल्का पड़ा उस पर
मेरी बातों का असर यार हल्का पड़ा उस पर
कवि दीपक बवेजा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
rekha mohan
सदा के लिए
सदा के लिए
Saraswati Bajpai
शक्कर में ही घोलिए,
शक्कर में ही घोलिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
Dheerja Sharma
छोड़ कर महोब्बत कहा जाओगे
छोड़ कर महोब्बत कहा जाओगे
Anil chobisa
इंसान क्यों ऐसे इतना जहरीला हो गया है
इंसान क्यों ऐसे इतना जहरीला हो गया है
gurudeenverma198
💐प्रेम कौतुक-558💐
💐प्रेम कौतुक-558💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेरा लड्डू गोपाल
मेरा लड्डू गोपाल
MEENU
विषय:गुलाब
विषय:गुलाब
Harminder Kaur
लावनी
लावनी
Dr. Kishan tandon kranti
... और मैं भाग गया
... और मैं भाग गया
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
हँसते गाते हुए
हँसते गाते हुए
Shweta Soni
बट विपट पीपल की छांव ??
बट विपट पीपल की छांव ??
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय 6
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय 6
Pravesh Shinde
Loading...