वीर
ये
वीर
बलवीर
रहते गम्भीर
प्राचीर को चीर
राष्ट्र रखते अक्षुण्ण
कभी भी ना होते अधिर।
हैं
वीर
रणधीर
वे सभी धरापूत्र
रखते धरा बाधामुक्त
हरपल रहते शस्त्र से युक्त
राष्ट्र, राष्टजन को रखते भयमुक्त।
ऐं
वीर
रणबीर
तूं रणधीर
राष्ट्र तेरे आधीन
सुख शान्ति का द्वेतक
विशाल हृदय प्रण व्यापक।।
……..
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”