Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2020 · 1 min read

वीर और विरह

बँधे एक डोर..वीर और विरह!

मैंने तुझसे बांधी अमर प्रेम की डोर
डोर अटूट बँधी तेरी देश प्रेम की ओर

तुझमें लीन मैं बेसुध प्रेम पुजारन
भक्ति तेरी लहराता तिरंगा आजीवन

आज़ादी की आग दहकाते हर बारी
इत लघु उर सुलगे विरह की चिंगारी

हुंकारते तुम रख मृत्यु-मुख पर चरण
तिल तिल मरती रोज़ मैं हज़ारों मरण

सिंहनाद तेरा सरहद डोले व्योम फट जाए
वियोग वेदना मेरा अन्त:स्थल चिरती जाए

पुन्य वेदी पर हँस बलिदान दिया अरिजीत
मैं तज प्राण संग चली निभाने मिलन पुनीत

मैं तेरी सखा,साखी तेरे वीरत्व का हर छोर
आमरण मैं तुझसे तू देश से बँधे एक डोर

रेखा
कोलकाता

Language: Hindi
1 Like · 240 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुना है सकपने सच होते हैं-कविता
सुना है सकपने सच होते हैं-कविता
Shyam Pandey
■ दूसरा पहलू...
■ दूसरा पहलू...
*Author प्रणय प्रभात*
सोचो जो बेटी ना होती
सोचो जो बेटी ना होती
लक्ष्मी सिंह
दुविधा
दुविधा
Shyam Sundar Subramanian
इसकी तामीर की सज़ा क्या होगी,
इसकी तामीर की सज़ा क्या होगी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"इस रोड के जैसे ही _
Rajesh vyas
एहसास
एहसास
भरत कुमार सोलंकी
बाजारवाद
बाजारवाद
Punam Pande
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
कवि रमेशराज
मोहब्बत तो आज भी
मोहब्बत तो आज भी
हिमांशु Kulshrestha
चाँद सी चंचल चेहरा🙏
चाँद सी चंचल चेहरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक तरफा प्यार
एक तरफा प्यार
Neeraj Agarwal
नम आँखे
नम आँखे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
💐प्रेम कौतुक-170💐
💐प्रेम कौतुक-170💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हवा में हाथ
हवा में हाथ
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
कुछ इनायतें ख़ुदा की, कुछ उनकी दुआएं हैं,
कुछ इनायतें ख़ुदा की, कुछ उनकी दुआएं हैं,
Nidhi Kumar
*पिता (सात दोहे )*
*पिता (सात दोहे )*
Ravi Prakash
यादों में
यादों में
Shweta Soni
हम कहां तुम से
हम कहां तुम से
Dr fauzia Naseem shad
23/209. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/209. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ईश्वर का घर
ईश्वर का घर
Dr MusafiR BaithA
"बहरापन"
Dr. Kishan tandon kranti
पारो
पारो
Acharya Rama Nand Mandal
सत्य तत्व है जीवन का खोज
सत्य तत्व है जीवन का खोज
Buddha Prakash
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कवि दीपक बवेजा
***
*** " कभी-कभी...! " ***
VEDANTA PATEL
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
Swati
इश्क वो गुनाह है
इश्क वो गुनाह है
Surinder blackpen
कहां जाके लुकाबों
कहां जाके लुकाबों
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वो जो तू सुन नहीं पाया, वो जो मैं कह नहीं पाई,
वो जो तू सुन नहीं पाया, वो जो मैं कह नहीं पाई,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
Loading...