Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2019 · 1 min read

#विषकन्या

लालच विषकन्या के जैसा, छोड़ो इससे कैसा प्यार?
साँप गले मन मान रहा हो, वो सोने का कैसा हार?
काम करो परिणाम भूल कर, तारीफ़ करें हँसकर लोग;
आँखों भाता दिल ठुकराता, उस मंज़र का तज दीदार।

तालाब नदी सागर भरते, मानव मन क्यों रहता रिक्त।
दोनों हाथों लूटे जाता, प्यासा फिर भी रहता लिप्त।
भोग विलास नहीं छूटे हैं, शासन सत्ता का उर मोह;
बातें पर्वत जैसी करता, दिल निज का रहता संक्षिप्त।

चाँद-सितारे सूरज चमकें, मानव सेवा चाहें रोज।
गुलशन-गुलशन फूल खिलें हैं, देखें इनको भाए मौज।
मानव तो सबको ही लूटे, हँस संस्कारी बनता नेक;
चाहत किसकी देख बड़ी है, ज्ञानी बनकर इसको खोज।

मोहब्बत भूलो मत प्रीतम, मीठा जीवन समझो सार।
दिल से दिल को जोड़े जाता, अज़ब चुबंक गज़ब संस्कार।
जीवन का मकसद क्या सोचो, चलना पकड़े सच्ची राह;
दिल से आएंगी आवाज़ें, सच्ची हो तब जय-जयकार।

#आर.एस.प्रीतम
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

Language: Hindi
1 Like · 365 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
भीष्म के उत्तरायण
भीष्म के उत्तरायण
Shaily
फागुन
फागुन
पंकज कुमार कर्ण
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
Ranjeet kumar patre
ऋतु शरद
ऋतु शरद
Sandeep Pande
मंतर मैं पढ़ूॅंगा
मंतर मैं पढ़ूॅंगा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
अगर किसी के पास रहना है
अगर किसी के पास रहना है
शेखर सिंह
हमारी हिन्दी ऊँच-नीच का भेदभाव नहीं करती.,
हमारी हिन्दी ऊँच-नीच का भेदभाव नहीं करती.,
SPK Sachin Lodhi
यादों का सफ़र...
यादों का सफ़र...
Santosh Soni
15- दोहे
15- दोहे
Ajay Kumar Vimal
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
तन को कष्ट न दीजिए, दाम्पत्य अनमोल।
तन को कष्ट न दीजिए, दाम्पत्य अनमोल।
जगदीश शर्मा सहज
सिलसिला रात का
सिलसिला रात का
Surinder blackpen
जय माता दी
जय माता दी
Raju Gajbhiye
चंद्रकक्षा में भेज रहें हैं।
चंद्रकक्षा में भेज रहें हैं।
Aruna Dogra Sharma
हर बात हर शै
हर बात हर शै
हिमांशु Kulshrestha
दिव्य दृष्टि बाधित
दिव्य दृष्टि बाधित
Neeraj Agarwal
प्रेम ...
प्रेम ...
sushil sarna
हंसते ज़ख्म
हंसते ज़ख्म
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
दम उलझता है
दम उलझता है
Dr fauzia Naseem shad
मैं नही चाहती किसी के जैसे बनना
मैं नही चाहती किसी के जैसे बनना
ruby kumari
अरदास मेरी वो
अरदास मेरी वो
Mamta Rani
कान का कच्चा
कान का कच्चा
Dr. Kishan tandon kranti
■ स्वचलित नहीं, रोबोट पर निर्भर रोबोट।
■ स्वचलित नहीं, रोबोट पर निर्भर रोबोट।
*Author प्रणय प्रभात*
23/122.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/122.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सच का सूरज
सच का सूरज
Shekhar Chandra Mitra
▫️ मेरी मोहब्बत ▫️
▫️ मेरी मोहब्बत ▫️
Nanki Patre
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ज्योति
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
Keshav kishor Kumar
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
Shweta Soni
Loading...