–विश्वास–
चौपाई छंद की परिभाषा और कविता—
चौपाई छंद की परिभाषा:-यह एक सममात्रिक छंद है।इसमें चार चरण होते हैं।इसके प्रत्येक चरण में सोलह-सोलह मात्राएँ होती हैं।चरणांत में दो गुरूया लघु-लघु-गुरू या गुरू-लघु-लघु या लघु-लघु-लघु-लघु मात्राएँ आती हैं।
कविता–“विश्वास”
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विश्वास बने जितना ज़्यादा।
पक्का उतना होय इरादा।।
राह सफलता देखे उसकी।
मोहब्बत सच्ची हो जिसकी।।
चिकना बनना घड़ा नहीं है।
नकली चलना बड़ा नहीं है।।
उदय सदा होना सूरज सम।
खिलना बनके तुम नीरज सम।।
ताक़त हो उच्च विचारों की।
चाहत हो मन संस्कारों की।।
परवाह रहे अधिकारों की।
करो पालना तुम नारों की।।
#आर.एस.’प्रीतम’