विश्वास जगाता हूं _ कविता
शब्द है मेरे पास_ आपके बीच लाता हूं।
पढ़ते है आप तो उन्हें_ विश्वास जगाता हूं।
मिलता रहे आपका प्यार _ हे मुझे तुम पर एतबार।
आपके पठन-पाठन हेतु ही_ नवसृजन सजाता हूं।।
है हम सब मानव __मानव ही बने रहे।
मेरे साथियों हमेशा राग _मानवता का ही गाता हूं।।
देखता हूं_ तरसता तडफता किसी को जिंदगी में।
सहानुभूति से भरा दिल लेकर_ पास उसके जाता हूं।।
अनुनय यह संसार है_ सबके अपने व्यवहार है।
बना रहे सद व्यवहार मुझमें _यही स्वप्न सजाता हूं ।।
राजेश व्यास अनुनय