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7 Sep 2016 · 1 min read

विश्वास की गली में ये ज़िन्दगी पली है

विश्वास की गली में
ये ज़िन्दगी पली है
देती है दर्द अक्सर
लगती मगर भली है

होती शुरू किरण से
हर भोर की कहानी
आती है चाँदनी से
हर रात पे जवानी
यह साथ साथ इनके
चुपचाप ही चली है

है आज गम जहाँ पर
कल थी ख़ुशी वहाँ पर
यह छीन भी तो लेती
देती अगर यहाँ पर
है खार तो कहीं ये
खिलती हुई कली है

होती है ज़िन्दगी तो
बस प्यार की अमानत
चुन फूल नफरतों के
करना सदा इबादत
बरबाद तब हुई ये
नफरत में जब जली है

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
Tag: गीत
7 Comments · 608 Views
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