Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2020 · 2 min read

विश्वासघाती लोग

दुनिया मे हमको क्यों ?
बुरे लोग ही मिलते है ।
अच्छी बाते करते थे पहले ।
जिसका मैं कायल था ।
मिलते रहे हम उनसे ।
अपना समझकर हमदम ।
मालूम न था दगा देंगे वे ।
बगुला भगत का नाता है ।
हमसे बस यही भूल हुई ।
कि उससे वाकिफ न हो पाए हम ।
दिल के राज किसी से कहो न ।
कल का हैं क्या भरोसा तुमसे ।
वो नाराज हो जाए ।
उछालेगा तुम्हारी बेबसी को ।
तुम्हारे ही लोगो मे ।
आस्तीन का सांप है वो ।
जो बैठा है आपके बगल मे ।
पहचानते हो नही तुम ।
घर का भेदी लंका ढावै ।
जानते हो न तुम ।
अपने निजी बातो को गैर से न साझा करो ।
जो है आपका सबसे प्रियतम उसी से ही कहो बस ।
आपके मजबूरी और कमजोरी का ही है फायदा उठाते लोग ।
अपने ही तो करते है सारे लोग लगाते भोग ।
जो निर्बल, दुर्बल है उसी को सताते है लोग ।
चूहे को मारकर ऐसे खुश होते ।
जैसे मार लिए हो कोई शेर ।
अपनी तुम कमजोरी को ।
मजबूती मे बदलो ।
ताकि दुश्मन का हरेक दांव-पेंच ।
दम तोड़ दे आपके आगे ।
जासूस है वो या बालक है ।
तुमको नही कोई खबर है ।
बचकर रहना इन लोगो से कहता हूँ प्यारो मै अभी से ।
घर मे ही आग लगा दी ।
घर के ही चिरागो ने ।
जलते है तो जलने दो ।
उनका काम है जलना ।
बस तुम कहीं रूक न जाना ।
तुम्हारा काम है चलना ।
दिल के राज किसी से कहो न ।
कल झगड़ा हो सकता है उसी से ।
जिससे जितना प्यार है ।
उसी से अक्सर होती तकरार है ।
बचके रहना उन भेङियो से ।
घर के भेदियो से ।
नीयत जिसकी ठीक नही है ।
सब विनम्र ही है अच्छे लगते ।
लेकिन बिल्कुल ढीठ नही ।
कहता हूं मै सबसे वो बंधु ।
उतना ही बोलो किसी से ।
जितना कि काम हो ।
पांव उतने ही फैलाओ ।
जितनी चद्दर की नाप हो ।
बाकि सब मतलब से ।
बस चलते रहो तुम अपनी मंजिल की तलब मे ।
जापर कछु निज स्वारथ होई ।
तेहि पर ममता करई सब कोई ।।
यही है दुनिया का राज ।
उसका अंदाज ।
कुआं का पानी है मीठा ।
बकरी से बोला लोमड़ी ने ।
बकरी का मन तब ललचाया ।
कूद पड़ी वो झट कुंए मे ।
देख मौके की तलाश मे ।
लोमड़ी चढ बकरी के ऊपर ।
निकल गई बाहर जमी पर ।
पानी न मीठा बकरी न जाना ।
मीठा बस होता प्यार का छलावा ।
बकरी भले ही मर गई वो ।
पर हमको दे गई वो शिक्षा ।
मतलब निकालने के लिए लोग ।
करते कुछ भी इच्छा ।
दिल के राज किसी से कहो न ।
क्या मालूम कल वो आपसे नाराज हो जाए ।

Rj Anand Prajapati

Language: Hindi
491 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
शेखर सिंह
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
कवि दीपक बवेजा
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
लोगों के दिलों में बसना चाहते हैं
लोगों के दिलों में बसना चाहते हैं
Harminder Kaur
किसी का खौफ नहीं, मन में..
किसी का खौफ नहीं, मन में..
अरशद रसूल बदायूंनी
आशियाना तुम्हारा
आशियाना तुम्हारा
Srishty Bansal
जन्माष्टमी महोत्सव
जन्माष्टमी महोत्सव
Neeraj Agarwal
मैं अपने बिस्तर पर
मैं अपने बिस्तर पर
Shweta Soni
"सफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana जिनका जीवन समर्पित है जनसेवा के लिए आखिर कौन है शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana ?
शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana जिनका जीवन समर्पित है जनसेवा के लिए आखिर कौन है शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana ?
Bramhastra sahityapedia
ek abodh balak
ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नादान प्रेम
नादान प्रेम
Anil "Aadarsh"
तुमसे मैं एक बात कहूँ
तुमसे मैं एक बात कहूँ
gurudeenverma198
Sannato me shor bhar de
Sannato me shor bhar de
Sakshi Tripathi
रुख़्सत
रुख़्सत
Shyam Sundar Subramanian
*जिंदगी की दौड़ में ,कुछ पा गया कुछ खो गया (हिंदी गजल
*जिंदगी की दौड़ में ,कुछ पा गया कुछ खो गया (हिंदी गजल
Ravi Prakash
चाँद बहुत अच्छा है तू!
चाँद बहुत अच्छा है तू!
Satish Srijan
आह
आह
Pt. Brajesh Kumar Nayak
काला न्याय
काला न्याय
Anil chobisa
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
कल हमारे साथ जो थे
कल हमारे साथ जो थे
ruby kumari
मुकाम यू ही मिलते जाएंगे,
मुकाम यू ही मिलते जाएंगे,
Buddha Prakash
कभी रहे पूजा योग्य जो,
कभी रहे पूजा योग्य जो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा तृतीय अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा तृतीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ज़िंदगी थी कहां
ज़िंदगी थी कहां
Dr fauzia Naseem shad
"हमारे नेता "
DrLakshman Jha Parimal
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
💐अज्ञात के प्रति-7💐
💐अज्ञात के प्रति-7💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ न तोला भर ज़्यादा, न छँटाक भर कम।। 😊
■ न तोला भर ज़्यादा, न छँटाक भर कम।। 😊
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...