Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2020 · 1 min read

विवाह की वर्षगांठ

विवाह की बारहवीं वर्षगांठ पर अरुण जी को समर्पित स्वरचित
? गीत?

जबसे तुमने ये हाथ थामा है ,
मैंने रब अपना तुमको माना है।
जन्मों जन्मों का जो बंधा बंधन,
हर जनम में इसे निभाना है।।

प्यार वो बेहिसाब औ बेहद,
लेके जो जिंदगी में आये हैं।
खिल गया है गुलाब सा चेहरा,
होंठ तेरे ही गीत गाये हैं।
भरदो ये मांग मेरी तुम साजन,
खुदको तेरे लिए सजाना है।।
जबसे तुमने ये हाथ थामा है—

संग छूटे नही तेरा मेरा,
मेरी रग रग में तुम समाए हो।
लग न जाये नज़र जमाने की,
खुशियां तुम बेशुमार लाये हो।
अब नहीं चाह मुझको जन्नत की,
स्वर्ग सा मेरा आशियाना है।।
जबसे तुमने ये हाथ थामा है—

तुम बने दूल्हा मैं बनी दुल्हन,
प्यार के हर तरफ नज़ारे हैं।
अब अरुण ज्योति मिल गए है तो
कितने खुश आज चांद तारे हैं।।
खूबसूरत है एक साथी तो
उतना ही ये सफर सुहाना है।
जबसे तुमने ये —

✍?श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 504 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"हमारे शब्द"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
चुपके से तेरे कान में
चुपके से तेरे कान में
Dr fauzia Naseem shad
मे गांव का लड़का हु इसलिए
मे गांव का लड़का हु इसलिए
Ranjeet kumar patre
'उड़ान'
'उड़ान'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
🌺प्रेम कौतुक-195🌺
🌺प्रेम कौतुक-195🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रमेशराज के विरोधरस दोहे
रमेशराज के विरोधरस दोहे
कवि रमेशराज
जला दो दीपक कर दो रौशनी
जला दो दीपक कर दो रौशनी
Sandeep Kumar
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
मायापति की माया!
मायापति की माया!
Sanjay ' शून्य'
पढ़ाई
पढ़ाई
Kanchan Alok Malu
कैसे भूल सकता हूँ मैं वह
कैसे भूल सकता हूँ मैं वह
gurudeenverma198
महिला दिवस
महिला दिवस
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मां का हृदय
मां का हृदय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आग उगलती मेरी क़लम
आग उगलती मेरी क़लम
Shekhar Chandra Mitra
पितर पाख
पितर पाख
Mukesh Kumar Sonkar
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
Harminder Kaur
बात कलेजे से लगा, काहे पलक भिगोय ?
बात कलेजे से लगा, काहे पलक भिगोय ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
दर्दे दिल की दुआ , दवा , किस से मांगू
दर्दे दिल की दुआ , दवा , किस से मांगू
श्याम सिंह बिष्ट
माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत  है।
माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
लफ्जों के तीर बड़े तीखे होते हैं जनाब
लफ्जों के तीर बड़े तीखे होते हैं जनाब
Shubham Pandey (S P)
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
Manisha Manjari
नेम प्रेम का कर ले बंधु
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सृष्टि का कण - कण शिवमय है।
सृष्टि का कण - कण शिवमय है।
Rj Anand Prajapati
वैसा न रहा
वैसा न रहा
Shriyansh Gupta
बाबा फरीद ! तेरे शहर में हम जबसे आए,
बाबा फरीद ! तेरे शहर में हम जबसे आए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
3018.*पूर्णिका*
3018.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कविता -
कविता - "बारिश में नहाते हैं।' आनंद शर्मा
Anand Sharma
बेटियां तो बस बेटियों सी होती है।
बेटियां तो बस बेटियों सी होती है।
Taj Mohammad
#आज_की_बात
#आज_की_बात
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...