Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2018 · 1 min read

विरासत

जानते हो यार
मैंने विरासत में क्या पाया है?

जहालत मुफ़लिसी बेरुख़ी
तृषकार, ईष्या, कुंठा आदि- आदि
शब्दों की निरंतर लम्बी होती सूची

जो भविष्य में…
एक विस्तृत / विशाल
शब्दकोष का स्थान ले शायद?

तुम सोचते हो
सहानुभूति पाने को गढ़े हैं ये शब्द मैंने!

मगर नहीं दोस्त
ये वास्तविकता नहीं है
भोगा है मैंने इन्हें
एक अरसे से हृदय में उठे मुर्दा विचारों के
यातना शिविर में प्रताड़ना की तरह
तब कहीं पाया है इनके अर्थों में अहसास चाबुक-सा
और जुटा पाया हूँ साहस इन्हें गढ़ने का

कविता यूँ ही नहीं फूट पड़ती
जब तक ‘ अंतर ‘ में किसी के
मरने का अहसास न हो
और सांसों में से लाश के सड़ने की सी
दुर्गन्ध न आ जाये…

तब तक कहाँ उतर पाती है
काग़ज़ पर कोई रचना ऐ दोस्त?

Language: Hindi
233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
*नेत्रदान-संकल्प (गीत)*
*नेत्रदान-संकल्प (गीत)*
Ravi Prakash
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
भय के कारण सच बोलने से परहेज न करें,क्योंकि अन्त में जीत सच
भय के कारण सच बोलने से परहेज न करें,क्योंकि अन्त में जीत सच
Babli Jha
मेरी अंतरात्मा..
मेरी अंतरात्मा..
Ms.Ankit Halke jha
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
तुम अभी आना नहीं।
तुम अभी आना नहीं।
Taj Mohammad
कड़ियों की लड़ी धीरे-धीरे बिखरने लगती है
कड़ियों की लड़ी धीरे-धीरे बिखरने लगती है
DrLakshman Jha Parimal
कोशिश
कोशिश
विजय कुमार अग्रवाल
क्यों तुम उदास होती हो...
क्यों तुम उदास होती हो...
Er. Sanjay Shrivastava
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
करवा चौथ
करवा चौथ
नवीन जोशी 'नवल'
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
Khem Kiran Saini
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
नेताम आर सी
मन काशी मन द्वारिका,मन मथुरा मन कुंभ।
मन काशी मन द्वारिका,मन मथुरा मन कुंभ।
विमला महरिया मौज
मुल्क
मुल्क
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये
ये "परवाह" शब्द वो संजीवनी बूटी है
शेखर सिंह
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
झूठी है यह सम्पदा,
झूठी है यह सम्पदा,
sushil sarna
Fastest technology since ages that is human mind .stop using
Fastest technology since ages that is human mind .stop using
Nupur Pathak
दंगे-फसाद
दंगे-फसाद
Shekhar Chandra Mitra
होश खो देते जो जवानी में
होश खो देते जो जवानी में
Dr Archana Gupta
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
gurudeenverma198
मिले हम तुझसे
मिले हम तुझसे
Seema gupta,Alwar
दिल के कोने में
दिल के कोने में
Surinder blackpen
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
Shyam Sundar Subramanian
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
ओनिका सेतिया 'अनु '
3306.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3306.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
Phool gufran
"कुछ लोगों के पाश
*Author प्रणय प्रभात*
" लिहाज "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...