Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2019 · 1 min read

विरांगना का उदघोष

हर आंख में आंसू बह रहे थे,
पर वह तो आंसू पी गयी थी,
सुबक रहे थे जहां सब नर-नारी,
वह दृढ-निश्चयी अडिग खडी थी,
लोग दे रहे थे गमगींन विदाई,
वह निशछल भाव से देख रही थी,
जब देने लगी वह विदाई,
तो प्यार से उसे चूम रही थी,
और जय हिन्द का उदघोष करती निकिता,
विरांगना भी बन गयी थी।
उम्र के इस पडाव पर, अभी देखा ही क्या था,
अभी-अभी तो गृहस्थी बसी थी,कि
तभी पुलवामा सामने आ गया,
जो सपने संजोए थे खुशियों के,
पुलवामा उन्हें खा गया,
अनहोनी यह कैसी घट गयी,
अरमानो को जला गया,
घर रह गया नर विहीन,
विभूति जैसा लाल चला गया।

Language: Hindi
1 Like · 222 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jaikrishan Uniyal
View all
You may also like:
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
Jitendra Chhonkar
तथागत प्रीत तुम्हारी है
तथागत प्रीत तुम्हारी है
Buddha Prakash
2686.*पूर्णिका*
2686.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख्वाबो में मेरे इस तरह आया न करो
ख्वाबो में मेरे इस तरह आया न करो
Ram Krishan Rastogi
!! दो अश्क़ !!
!! दो अश्क़ !!
Chunnu Lal Gupta
8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
Ajay Kumar Vimal
"यही वक्त है"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता
कविता
Shiva Awasthi
अमृत महोत्सव आजादी का
अमृत महोत्सव आजादी का
लक्ष्मी सिंह
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
अदाकारियां
अदाकारियां
Surinder blackpen
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
Shashi kala vyas
क्या तुम इंसान हो ?
क्या तुम इंसान हो ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
DrLakshman Jha Parimal
Love yourself
Love yourself
आकांक्षा राय
नन्हें बच्चे को जब देखा
नन्हें बच्चे को जब देखा
Sushmita Singh
💐Prodigy Love-21💐
💐Prodigy Love-21💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
स्कूल जाना है
स्कूल जाना है
SHAMA PARVEEN
!! नववर्ष नैवेद्यम !!
!! नववर्ष नैवेद्यम !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अरमां (घमण्ड)
अरमां (घमण्ड)
umesh mehra
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
तेरा होना...... मैं चाह लेता
तेरा होना...... मैं चाह लेता
सिद्धार्थ गोरखपुरी
उन से कहना था
उन से कहना था
हिमांशु Kulshrestha
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सेर (शृंगार)
सेर (शृंगार)
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
प्यार और नफ़रत
प्यार और नफ़रत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सांप्रदायिक उन्माद
सांप्रदायिक उन्माद
Shekhar Chandra Mitra
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
😊अपडेट😊
😊अपडेट😊
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...