Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2021 · 1 min read

विरह

ऐ घनघोर घटा के काले बादल
क्या तुम मेरा संदेशा ले जा सकते हो ?
मेरे विरह, मेरे तड़प का, एक दर्द उन्हें बतला सकते हो

ऐ घनघोर घटा के काले बादल
क्या तुम मेरा संदेशा ले जा सकते हो ?

यूं रिमझिम रिमझिम जल बरसाना
जैसे आंखे बहती हैं
उन्हें भिगा कर समझना
यादें उनमें रहती हैं

यादों में कितनी व्याकुलता है
क्या व्याकुलता दिखला सकते हो ?
मेरे विरह, मेरे तड़प का, एक दर्द उन्हें बतला सकते हो

ऐ घनघोर घटा के काले बादल
क्या तुम मेरा संदेशा ले जा सकते हो ?

उनको अपनी चमक दिखाना
मेरी परछाई दर्शाना
विरह जलन क्या होती है
तपिश भूमि सा जल जाना

मेरी अगन, मेरी तपिश का, एक शोला भड़का सकते हो
मेरे विरह, मेरे तड़प का, एक दर्द उन्हें बतला सकते हो

ऐ घनघोर घटा के काले बादल
क्या तुम मेरा संदेशा ले जा सकते हो ?

ज्योति प्रकाश राय

Language: Hindi
263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*उसको पाना है यदि तो, मन वृंदावन करना होगा【भक्ति-गीतिका】*
*उसको पाना है यदि तो, मन वृंदावन करना होगा【भक्ति-गीतिका】*
Ravi Prakash
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
पूर्वार्थ
बाजारवाद
बाजारवाद
Punam Pande
" मुशाफिर हूँ "
Pushpraj Anant
सोशलमीडिया की दोस्ती
सोशलमीडिया की दोस्ती
लक्ष्मी सिंह
छल
छल
Aman Kumar Holy
💐प्रेम कौतुक-364💐
💐प्रेम कौतुक-364💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नील नभ पर उड़ रहे पंछी बहुत सुन्दर।
नील नभ पर उड़ रहे पंछी बहुत सुन्दर।
surenderpal vaidya
आखिर कब तक
आखिर कब तक
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"विषधर"
Dr. Kishan tandon kranti
सोच
सोच
Shyam Sundar Subramanian
'चो' शब्द भी गजब का है, जिसके साथ जुड़ जाता,
'चो' शब्द भी गजब का है, जिसके साथ जुड़ जाता,
SPK Sachin Lodhi
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
goutam shaw
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
मुक्तक - जिन्दगी
मुक्तक - जिन्दगी
sushil sarna
कलियुग
कलियुग
Prakash Chandra
*संस्कारों की दात्री*
*संस्कारों की दात्री*
Poonam Matia
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
Paras Nath Jha
24/240. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/240. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोई नही है वास्ता
कोई नही है वास्ता
Surinder blackpen
■ आज का मुक्तक...
■ आज का मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
महादान
महादान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
Ragini Kumari
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक तरफा प्यार
एक तरफा प्यार
Neeraj Agarwal
नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं।
नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं।
सत्य कुमार प्रेमी
पहले प्यार में
पहले प्यार में
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना
VINOD CHAUHAN
गांधी और गोडसे में तुम लोग किसे चुनोगे?
गांधी और गोडसे में तुम लोग किसे चुनोगे?
Shekhar Chandra Mitra
Loading...