विनम्र श्रद्धांजलि
आप सभी मित्रों से करबद्ध प्रार्थना है हमारे प्रिय अनुज के दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करें।।?????????????
?कैसे लिख दूं जीवन गीत?
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चला गया है मेरा मीत, कैसे लिख दूं जीवन गीत।।
दृग से बहे नयनजल धार, मन पे पड़ा मरण की मार।।
यारी नैया है मजधार, मीत गया क्यो जीवन हार।।
मृत्युपाश से हारा मीत, कैसे लिख दूं जीवन गीत।।
आ फिर से तू भैया बोल,मृत्युपाश का बंधन खोल।।
ढूंढ रहा भाई का प्यार, उर से उठती है चित्कार।।
लगो गले व निभाओ रीत, कैसे लिख दूं जीवन गीत।।
सोच रहा आये संदेश, मित्र हमारा लौटा देश।।
फिर से गले लगेगा यार, निर्मोही तुझसे ही प्यार।।
मैं हारा है तेरी जीत, कैसे लिख दूं जीवन गीत।।
नही कहीं तुझसा है यार, मिला नहीं वैसा व्यवहार।।
आज व्यथित है तेरा यार, आकर दो कोई उपहार।।
मृत्युञ्जय क्यों बना न मीत,कैसे लिख दूं जीवन गीत।।
नियती का कैसा आघात, बोल करूं मैं किससे बात।।
सहूं भला कैसे यह पीर, आज हृदय है बड़ा अधीर।।
मौत हरा तू जाता जीत, कैसे लिख दूं जीवन गीत।।
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पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मेरे अतिव प्रिय अनुज, अंतरंग मित्र, कभी न भुलाने वाला व्यक्तित्व #स्वर्गीय_संदर्भ_कुमार_मिश्रा_वशिष्ठ_को_समर्पित