विद्रोही अभी ज़िंदा हैं !
विद्रोही मरे नहीं,
विद्रोही मरा नहीं करते
वो ज़िंदा हैं,
जब तक शोषण ज़िंदा है
जब तक शोषण के खिलाफ
उठने बाली आवाज ज़िंदा
जब तक हमारे कंठो में
प्रतिकार ज़िंदा हैं,
जब तक हमारे शब्दों में आग ज़िंदा है
जब तक हम ज़िंदा हैं,
और ‘हम ‘
हम अभी ज़िंदा हैं
तो तय है,
विद्रोही अभी ज़िंदा हैं !
***
17 /12 /2018
मुग्धा सिद्धार्थ