विचारों का सफर
जब मन करता है लिखने को
विचारों में खो जाता हूं
चलता रहता है सफर विचारों का
शब्दों में उन्हें पिरोया करता हूं
अपने प्रिय गीतों की माला
प्रिय तुम्हें समर्पित करता हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जब मन करता है लिखने को
विचारों में खो जाता हूं
चलता रहता है सफर विचारों का
शब्दों में उन्हें पिरोया करता हूं
अपने प्रिय गीतों की माला
प्रिय तुम्हें समर्पित करता हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी