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21 Feb 2017 · 1 min read

विचारधारा

जीर्ण-शीर्ण !
संकीर्ण!
तंग!
बहुत कठिन
विचारों का
आवागमन !

परिहास में लिप्त
कुंठित मनःस्थिति
अपराधबोध से ग्रसित
सृजनात्मकता अवरुद्ध
बहुत कठिन
विचारों का
आदान-प्रदान!

अहममय प्रतीत
निश्प्राण अतीत
चारों दिशाएँ
कालिख में लिपटी
समेट लेने को आतुर
सद्चिंतन को
वेदना को
मनःस्थिति को
भावनाओं के आवेग को
बहुत कठिन
विचारों का
बहाव!
निरंतर!
आत्मोत्कर्ष!

-श्री एस•एन•बी•साहब

Language: Hindi
462 Views
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