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9 Jan 2021 · 1 min read

वह मेरा संसार नहीं है

वह मेरा संसार नहीं है ।

जहाँ हँसे बिन दिन ढल जाए ।
रात आँसुओं में गल जाए ।
टूट गिरें तारे यह कहकर,
नील गगन में प्यार नहीं है । वह मेरा….

झूठ जहाँ नित दर्पण बोले ।
शूल हवा में विष कण घोले ।
उड़ती फिरे धूल यौवन पर,
मीलों जहाँ बहार नहीं है । वह मेरा …

ताज जहाँ खंजर के सिर पर ।
कालिख जहाँ पुष्प के मुख पर ।
प्रीत जहाँ महलों में बंदी,
मुक्त जहाँ श्रृंगार नहीं है । वह मेरा ….

सावन बिन गाये चल जाए ।
आसमान शोले बरसाए ।
रहें तड़पते होंठ धरा के,
पड़ती जहाँ फुहार नहीं है । वह मेरा …..
000

स्वरचित
©अशोक दीप✍️
जयपुर

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 8 Comments · 375 Views
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