“”वह तड़पती रही मैं मचलता रहा””
वह तड़पती रही मैं मचलता रहा ।
प्यार दिल में फिर भी पलता रहा ।
कभी तो आएगी दया हम पर उसको,
जमाना अभी तक तो हमसे जलता रहा ।।
कोशिशें तो कि हमने, एक हो जाएं हम ।
देख बंदिशों को मिलन हमारा टलता रहा।।
सोचने को तो अब हम मजबूर होने लगे हैं।
दूरियां सह सह के दिल हमारा दहकता रहा।।
मिटा देंगे ये दूरी, तोडेंगे सारी ही मजबूरी ।
अनुनय चिंतन पल पल अब यह चलता रहा।।
राजेश व्यास अनुनय